KhataBahi
दुनिया में सच और झूठ का अस्तित्व कमोबेश शुरू से ही रहा है.मगर आज झूठ का बोलबाला है और सच कहीं पर्दे के पीछे इस इंतज़ार में रहता है कि कोई आए और उसे बाहर लाकर फ़र्क़ साबित करे,दूध का दूध पानी का पानी करे.और ये होता भी है क्योंकि आज भी कुछ लोगों ने सच का साथ छोड़ा नहीं है और जब भी मौका मिलता है वो खाता बही खोलकर सामने रख देते हैं.ये संख्या में थोड़े हैं पर बहुतों पर भारी हैं और जैसे जैसे जागरूकता बढ़ेगी अँधेरा छंटेगा और उजाला चहुंओर फ़ैल जाएगा.मैं इसी दिशा में प्रयासरत हूँ.